दोष कथा | Dosh Katha | Vice Story In Hindi
दोष कथा | Dosh Katha | Vice Story In Hindi
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अभी तो मैं जवान हूँ
उर्दू शायर हफीज़ जलंधरी की नज़्म 'अभी तो मैं जवान हूँ' की मौसिक़ी ने मशहूर पाकिस्तानी गायिका मलिका पुखराज को भारतीय दिलों की रानी बना दिया|
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अली बाबा और 40 डाकू - 01
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू - 01
घबराये अलीबाबा ने खतरे में छिपा अवसर तो देखा, पर डरा आदमी हिम्मत करे तो कैसे?
पहला भाग...
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अली बाबा और 40 डाकू 03
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 03
कासिम की सयानी बीवी अलीबाबा का भेद जान गई|
दौलत को लेकर भाइयों में छिड़ गई, भरोसा खो गया|
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अली बाबा और 40 डाकू 04
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 04
कासिम खज़ाने तक पहुँचा तो, पर क्या उसे बाहर निकाल पाया?
परेशान दिमाग गलतियाँ करते हैं...
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अली बाबा और 40 डाकू 05
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 05
मरजीना की मदद से कासिम को पूरी इस्लामी रवायत से दफना, अलीबाबा उसकी बेवा से निकाह करेगा| पर क्यों?
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अली बाबा और 40 डाकू 06
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 06
कासिम के लिए हकीम से दवा, और अगली सुबह उसकी कटी लाश सीने के लिए मरजीना मुस्तफा को ले आई
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अली बाबा और 40 डाकू 09
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 09
डाकू मुस्तफा के साथ अलीबाबा के घर तक आया, उसपर निशान बनाया, लेकिन मरजीना ने शिनाख्त बिगाड़ दी|
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अली बाबा और 40 डाकू 12
अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 12
तेल की बैरलों में लुटेरे छुपे जानकर मरजीना डर गई|
पर क्या कोई डर से असल में मर भी सकता है?
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अली बाबा और 40 डाकू 20
पुनरुक्त अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 20
उसका दर्द क्रोध में बदल गया|
क्रोध घृणा बन गया| घृणा ने उसे जीने का मकसद दे दिया|
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अली बाबा और 40 डाकू 21
पुनरुक्त अरेबियन नाइट्स किस्से: अली बाबा और 40 डाकू 21
बदले की प्यास लिए, डाकुओं का सरदार शहर लौट आया|
और सौदागर ख्वाजा हसन बन गया...
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गुस्सैल बुद्ध
बालकथा: गुस्सैल बुद्ध
वियतनामी ज़ेन मास्टर थिच नहत हन कहते हैं कि गुस्सा सचेतनता से काबू आता है कोरी लफ्फाज़ी से नहीं।
थिच न्हात हान की बौद्ध कहानी
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चार मोमबत्तियाँ
चार मोमबत्तियाँ जीवन को प्रकाशमान किये थीं|
तीन के बुझने से अँधेरा बढ़ा तो बालक डर गया|
लेकिन आशा बाकी थी, जिसने शान्ति, विश्वास व प्रेम को...
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जीवन व्यर्थ
यदि मंज़िल पाए बिना जाना, जीवन व्यर्थ हो जाना है, तो ध्येय पाकर जाना भी तो जाना ही है|
क्या जीवन के कर्म-चेष्टा, रेत के घरौंदे बनाने जैसे हैं बस?
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निशानची
मार्मिक कथा: निशानची
आयरिश रिपब्लिकन और फ्री स्टेटर्स के बीच 1920 के दशक में हुए गृहयुद्ध पर लियम ओ’फ्लेहेर्टी की कहानी ‘द स्नाइपर’ का हिंदी अनुवाद
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फूटा पात्र
फूटा पात्र भी उपयोगी हो सकता है|
हम सब फूटे घड़े हैं, फिर भी उपयोगी होने का प्रयास कर सकते हैं।
आदर्श पात्र न बन पाने पर भी हमारे होने का औचित्य है|
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बोझ
ज़्यादातर बोझ जिन्हें हम ढोते रहते हैं, वे बोझ मन के होते हैं|
दो बौद्ध भिक्षुओं की कहानी|
वृद्ध भिक्षु ने असहाय लड़की की मदद तो की, पर उसे वहीं छोड़ आया...
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मिल गए बोतल वाले
मज़ेदार कहानी: मिल गए बोतल वाले
नशा बुरा है, तो बुरे सभी हैं| नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा| किसे है होश, मेरे सामने तो लाओ ज़रा|
रोष, इन्दर, मुकेश, इंजीनियरिंग कॉलेज व हॉस्टल के किस्से
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रेत के किले
रेत के किले बनाते बालकों को लहरें सिखा देती हैं जल्दी, कि किले बनाना आसान है, बनाकर उन्हें बचाए रखना मुश्किल|
बड़े होने पर ये भूल क्यों जाते हैं हम?
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सिक्के के दो पहलु
सिक्के के दो पहलु - हेड व टेल की तरह, आदमी के भी दो पहलु होते हैं - अच्छाई और बुराई|
अच्छे-बुरे लोग नहीं होते, अच्छी-बुरी हमारी नज़र होती है|