मज़ेदार कहानी: वफादार बीवी (Vafadar Biwi)
चुटकुला एक कंजूस के बारे में, जो मर कर अपनी सारी दौलत के साथ दफ़न होना चाहता था, पर अपनी चतुर पत्नी से मात खा गया|
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“ही, ही, ही ही,” रोष के काम के लैपटॉप में झाँकते हुए ईशा ने खीसें निपोरीं|
“तू मुझे ध्यान लगाने देगी?” रोष गुर्राया| वो अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पूरी करने की कोशिश कर रहा था|
“ये चुटकुला बड़ा मज़ेदार है,” ईशा ने जवाब दिया| “एक कंजूस अपनी बीवी से मात खा गया| जानना चाहते तो कैसे?”
“हम्म्म...” उसने काम रोक दिया, ये जानते हुए कि अब जब तक वह कह नहीं लेगी, उसे वैसे भी ध्यान लगाने नहीं देगी|
अपने होंठों पर खेलती मुस्कान को बड़ी मुश्किल से दबाते हुए, उसने उसे इस कंजूस के बारे में बताया जो पैसे से बहुत प्यार करता था| उसने सारी ज़िन्दगी काम किया, और सारी कमाई की बचत की थी|
मरने से कुछ ही वक्त पहले, उसने अपनी बीवी से कहा था, “वादा करो जान, कि जब मैं मरूँगा, तो तुम मेरी सारी दौलत मेरे साथ मेरे ताबूत में डाल दोगी| इसके बिना मुझे मौत के बाद भी चैन न आएगा|”
अनुरागी पत्नी ने सत्यनिष्ठा से वादा कर दिया था|
सब चीज़ें अंततः अपनी एक्सपायरी डेट (समाप्ति की तारीख) तक पहुँच ही जाती हैं| जब उसकी भी तारीख आई, तो वह भी एक्सपायर हो गया (मर गया)|
तो, शवपेटिका में लिटा कर उसे बाहर रखा गया| बीवी वहाँ काले कपड़े पहने बैठी थी, अपनी सबसे प्यारी सहेली के साथ| समारोह ख़त्म हुआ, और शवपेटी ले जाने वाले कास्केट बंद करने लगे, तो बीवी उठकर उस तक गयी और उसमें एक बक्सा (बॉक्स) रख आई|
अंडरटेकर (सहायता कर्मचारियों) ने ताबूत को मारा ताला और ले चले उसे|
बीवी बाकी मातम मनाने वालों के पास वापिस लौटी, तो उसकी सबसे अच्छी सहेली फुसफुसाई, “वो क्या था? उम्मीद है तूने उसे उसकी सारी दौलत के साथ विदा करने की बेवकूफी नहीं की होगी|”
“मैंने ज़बान दी थी उन्हें,” वफादार बीवी ने जवाब दिया, “कि उन्हें ताबूत में उनकी सारी दौलत के साथ विदा करूँगी| मैं अपने वायदे पूरे करती हूँ|”
“यानी तूने वाकई उसकी सारी दौलत उसके साथ ताबूत में रख दी?” सहेली ने हैरत से पूछा|
“बिलकुल,” चतुर पत्नी ने जवाब दिया| “पूरी रकम का चेक है| भुनाएँ, खर्च करें!”
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