भारत की कहानी | Indian Kahani | Indian Hindi Story
हिन्दी में भारत और भारतियों के कथा कहानी किस्से, भारत की कहानियाँ, भारतीय साहित्य (Indian kahani, Indian Hindi story, Bharat ki kahani, Bhartiya sahitya, India ki kahani)
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महानता की झलक
महानता की झलक सिर्फ प्राचीन अवतारों और प्रसिद्ध नेताओं में ही नहीं, बल्कि हमारे चारों तरफ देखी जा सकती है|
आवश्यकता और अवसर आम लोगों को हीरो बना देते हैं|
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माँ कैसी होती है?
मर्मस्पर्शी कहानी: माँ कैसी होती है?
सहारनपुर कवि प्रो.योगेश छिब्बर की मुक्तिका ‘अम्मा’ से मिलती है माँ की एक झलक...
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माँ-बाप का कर्ज़
बोधकथा: माँ-बाप का कर्ज़
क्या ये कभी चुकाया नहीं जा सकता?
कैसा है ये पितृ-ऋण, जो आम आदमी माता-पिता की सच्ची सेवा से भी चुका नहीं पाता?
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मिल गए बोतल वाले
मज़ेदार कहानी: मिल गए बोतल वाले
नशा बुरा है, तो बुरे सभी हैं| नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा| किसे है होश, मेरे सामने तो लाओ ज़रा|
रोष, इन्दर, मुकेश, इंजीनियरिंग कॉलेज व हॉस्टल के किस्से
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मैं खुशी चाहता हूँ
“मैं खुशी चाहता हूँ,” एक आदमी ने कभी बुद्ध से कहा था|
चाइना पीक से नैनीताल को निहारते रोष को, बुद्ध दे जाते हैं खुशी और सुकून के राज़|
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रेत के किले
रेत के किले बनाते बालकों को लहरें सिखा देती हैं जल्दी, कि किले बनाना आसान है, बनाकर उन्हें बचाए रखना मुश्किल|
बड़े होने पर ये भूल क्यों जाते हैं हम?
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लियो टॉलस्टॉय
लियो टॉलस्टॉय ने गाँधी को प्रभावित कर भारत के अहिंसक प्रतिरोध आंदोलन को दिशा दी|
उपन्यास ‘वार एंड पीस’ (युद्ध और शांति) के रूसी लेखक, दार्शनिक और राजनीतिक विचारक काउंट लेव निकोलायेविच तालस्तोय...
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शराब पीने दे मस्जिद में
बोध कथा: शराब पीने दे मस्जिद में
कहाँ बैठ कर पी जाये शराब?
इसपर ग़ालिब, मीर, इकबाल, फराज़ और वसी की उर्दू शायरी लिए एक मज़ेदार कहानी
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शून्यता
क्या है शून्यता?
दिलचस्प ये है कि निशब्द को समझने-समझाने के लिए भी शब्दों की ज़रूरत पड़ रही है| कैसी प्रोग्रामिंग हो गयी है हमारी?
एक काव्यात्मक बोधकथा...
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संजीवनी विद्या
असुर गुरु शुक्राचार्य संजीवनी विद्या जानते थे| मृत संजीवनी मंत्र, जिससे मुर्दे फिर जी उठें|
देवयानी के लिए मृत कच को बार-बार पुनर्जीवित करने की हिंदू पौराणिक कथा
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सनी कैसे न?
आध्यात्मिक कहानी: सनी कैसे न?
बरसात की एक अँधेरी रात में कबीर अपनी पत्नी माई लोई को एक साहूकार के पास ले चला ताकि वो उसके साथ सोकर अपना कर्ज़ उतार ले
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साहब, सेब और राधेश्याम
मज़ेदार कहानी: साहब, सेब और राधेश्याम
हास्य कवि अरुण जैमिनी के लाजवाब लतीफे और विनोदी कविता
म्हारा हरियाणा के रोहित शर्मा की ज़ुबानी
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सिक्के के दो पहलु
सिक्के के दो पहलु - हेड व टेल की तरह, आदमी के भी दो पहलु होते हैं - अच्छाई और बुराई|
अच्छे-बुरे लोग नहीं होते, अच्छी-बुरी हमारी नज़र होती है|
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हाथी की बेड़ी
पेरेंटिंग कहानी: हाथी की बेड़ी
क्या बड़ों को प्रणाम करने से घर के क्लेश मिट सकते हैं?
कौरव कुलवधुएँ बड़ों का सम्मान करतीं, तो क्या महाभारत रूकती?
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