काव्य | Kavya | Hindi Poetry
काव्य, कविता, गीत, नज़्म, गज़ल, गाना, शायरी या उनके अर्थ, मतलब, अनुवाद, तर्जुमा या भावार्थ वाली कहानियाँ, Hindi Stories with poetry, Kavya, poem, song, nazm, ghazal, geet, kavita, shayari, gazal, gana, kahani with meaning & explanation of lyrics in Hindi
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अभी तो मैं जवान हूँ
उर्दू शायर हफीज़ जलंधरी की नज़्म 'अभी तो मैं जवान हूँ' की मौसिक़ी ने मशहूर पाकिस्तानी गायिका मलिका पुखराज को भारतीय दिलों की रानी बना दिया|
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एक देस बहुत दूर
रूहानी कहानी: एक देस बहुत दूर
पंजाबी लोकगीत ‘छल्ला’ के विभिन्न संस्करणों से छंदों का अनुवाद और जीवन व आध्यात्मिकता के सन्दर्भ में समीक्षा
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एक शरीर में कितने दो?
बाल कथा: एक शरीर में कितने दो?
हड्डीदार जीवों की देह का समरूप विकास हुआ| सृजन में दो का राज़ क्या है?
शरीर के जोड़ीदार अंगों के नाम क्या हैं?
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कोई दोस्त है न रकीब
बोधकथा: कोई दोस्त है न रकीब है
- जगजीत सिंह की गाई, राणा सहरी की गज़ल के तर्जुमा के साथ, और
- सचिन लिमये की गाई ‘न सुबूत है’ के अनुवाद व मतलब के साथ
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ख्वाहिशें
मज़ेदार ख्वाहिशें मन की गहराइयों से बटोर लाये रोष के शब्द, जब ईशा ने कविता की बेमौसम फरमाइश की|
'घोड़े को बना दे Audi तू, बन्दर को पिला दे पैमाना...'
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गीत को उठने दो
गीत को उठने दो, साज़ को छिड़ जाने दो|
ओशो के गीत वाकई सम्भोग से समाधि तक पहुँचाते है|
एक काव्यात्मक बोधकथा, जो एक काव्यात्मक प्रेमकथा बन गयी
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छल्ला की कहानी
छल्ला की कहानी
पंजाबी लोकगीत ‘छल्ला’ के संस्करणों का अनुवाद मल्लाह के मृत पुत्र, प्रेमी की अंगूठी, और पंजाब के समकालीन मसलों के सन्दर्भ में
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झीनी चदरिया
बोधकथा: झीनी चदरिया
कबीर कहते हैं शरीर आत्मा की चादर है| निर्मल मिलती है, हम मैला कर देते हैं| जतन से कैसे ओढ़ें?
मशहूर कविता का भावार्थ व अनुवाद
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दुनिया से क्या यारी?
हमन की दुनिया से क्या यारी, कबीर सिखाते हैं, हमन हैं इश्क मस्ताना|
बेड़ा पार तो इश्क ही करायेगा, पर राह नाज़ुक है ज़िन्दगी की|
तो कैसे चलें?
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पाँच छोटे बन्दर
बच्चों की मज़ेदार कहानी: पाँच छोटे बन्दर
‘पांच छोटे बंदर’ नामक एक पुरानी नर्सरी कविता गाकर, रोष होश को पांच से एक तक की उल्टी गिनती सिखाता है|
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महानता की झलक
महानता की झलक सिर्फ प्राचीन अवतारों और प्रसिद्ध नेताओं में ही नहीं, बल्कि हमारे चारों तरफ देखी जा सकती है|
आवश्यकता और अवसर आम लोगों को हीरो बना देते हैं|
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माँ कैसी होती है?
मर्मस्पर्शी कहानी: माँ कैसी होती है?
सहारनपुर कवि प्रो.योगेश छिब्बर की मुक्तिका ‘अम्मा’ से मिलती है माँ की एक झलक...
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मिल गए बोतल वाले
मज़ेदार कहानी: मिल गए बोतल वाले
नशा बुरा है, तो बुरे सभी हैं| नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा| किसे है होश, मेरे सामने तो लाओ ज़रा|
रोष, इन्दर, मुकेश, इंजीनियरिंग कॉलेज व हॉस्टल के किस्से
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ये भी रहेगा नहीं
बोधकथा: ये भी रहेगा नहीं
शाकिर ने फकीर को सिखा दिया कि इंसान के वक़्त का उसकी नेकी बदी से कोई लेना देना नहीं|
वक़्त का काम है बदलना|
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रोटी की खोज
रोटी की खोज में भागी फिरती है दुनिया, गुरदास मान अपनी सुन्दर पंजाबी कविता ‘रोटी मगर’ में गाते हैं, लेकिन फिर भी सलीके से जिया जा सकता है|
कैसे?
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शराब पीने दे मस्जिद में
बोध कथा: शराब पीने दे मस्जिद में
कहाँ बैठ कर पी जाये शराब?
इसपर ग़ालिब, मीर, इकबाल, फराज़ और वसी की उर्दू शायरी लिए एक मज़ेदार कहानी
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शून्यता
क्या है शून्यता?
दिलचस्प ये है कि निशब्द को समझने-समझाने के लिए भी शब्दों की ज़रूरत पड़ रही है| कैसी प्रोग्रामिंग हो गयी है हमारी?
एक काव्यात्मक बोधकथा...
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साहब, सेब और राधेश्याम
मज़ेदार कहानी: साहब, सेब और राधेश्याम
हास्य कवि अरुण जैमिनी के लाजवाब लतीफे और विनोदी कविता
म्हारा हरियाणा के रोहित शर्मा की ज़ुबानी
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हाइकू एरर मेसेज
दिलचस्प कहानी: हाइकू एरर मेसेज
लैपटॉप फ्रीज़ हो जाने पर चिंतित ईशा को, रोष सुनाता है ‘सैलॉन प्रतियोगिता’ से मज़ेदार जापानी ज़ेन कविताएँ