हास्य कथा: ध्यान रखने वाला पति (Dhyan Rakne Wala Pati)
एक पतिव्रता ने अपने दिवंगत पति की अंतिम 3 इच्छाएँ कैसे पूरी कीं?
नारी मन को समझने के प्रयास में एक मज़ेदार कहानी
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“औरतें आदमियों का पागल बनाती हैं,” रोष ने छेड़ा, “और जब उनका पागल नहीं बना रही होतीं हैं, तो उन्हें वे पागल कर रही होती हैं|”
“आदमी को पागल करने की औरत को क्या ज़रूरत?” ईशा ने हँस कर जवाब दिया| “आदमी तो अकसर सब काम खुद ही कर लेते हैं|”
“तो औरतें ये सोचतीं हैं कि सहानुभूति मूर्खता है?” रोष ने पूछा| “नाशुक्रे को किसी का एहसान नहीं दिखता|”
“गलत,” ईशा ने प्रतिवाद किया| “दयालुता समझती हैं औरतें, और उसका आभार चुकाना भी उन्हें आता है|”
“वो कैसे?” उसने पूछा|
“अभी हाल ही मैंने पढ़ा,” ईशा ने जवाब दिया, “एक विधवा अपने दोस्तों को बता रही थी, कि उसका पति कितना अद्भुत, संवेदनशील, और विचारशील आदमी रहा था|”
“वो हर चीज़ का ध्यान रखता था,” बेवा ने अपनी सहेलियों को बताया| “मरने से ठीक पहले, उसने मुझे अपने बिस्तर के पास बुलाया, और एक मुहरबंद (सील्ड) लिफाफा दिया|”
“जान,” उसने कहा| “इसमें मेरी आखिरी तीन इच्छाओं का ब्यौरा है| वादा करो कि जब मैं चला जाऊँगा, तो तुम इसे खोल कर बिल्कुल वैसा ही करोगी जैसा मैंने इसमें लिखा है| तभी चैन से मर सकूंगा मैं|”
“तो वादा कर दिया मैंने,” उसने कहा| “और उसे चैन मिल पाया| ईश्वर उसकी विचारवान आत्मा को आशीर्वाद दे|”
“क्या आखिरी इच्छाएँ थीं उसकी?” उसकी सखियों ने पूछा|
“पहली थी: बढ़िया ताबूत खरीदो,” उसने जवाब दिया| “तो जो सबसे महँगा ताबूत मुझे मिल सका, मैंने खरीद लिया| दिखने में प्यारा| शानदार अस्तर| फैशनेबल। पसंद आता उसे, है ना?"
“दूसरी थी: बढ़िया अंतिम संस्कार| तो जो सबसे महँगी अंत्येष्टि क्रिया मुझे बताई गयी, मैंने करवा डाली| मेहमानों के लिए उसके सारे पसंदीदा व्यंजन बने| भा गई होगी उसे वो, नहीं?"
“और तीसरी ख्वाहिश?” उसकी सहेलियों ने पूछा|
“तीसरी थी: बढ़िया पत्थर1 खरीदो| तो उसके बाकी बचे पैसे से जो सबसे महँगा पत्थर मिल सका, मैंने खरीद लिया|”
अपने लुभावने डायमंड2 की झलक अपने दोस्तों को दिखाते हुए, वह बोली, “इसपर गर्व होता उसे, है ना?”
नोट:
1: ईसाई और मुस्लिम आदि संस्कृतियों में कब्र या समाधि पर यादगार का पत्थर लगाया जाता है|
2: हीरा दुनिया का सबसे कीमती पत्थर है|
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