विज्ञान-कल्प: ठंडा इस्पात - आज़ाद (Thanda Ispat – Azad)
आला कमांडो ने काली ऊर्जा चुराई|
जैविक हथियार सक्रियण से दुश्मन की गुप्त अंतरिक्ष लैब नष्ट करने की कोशिश की...
पिछली कहानी: ठंडा इस्पात - सलीब
अभ्यास पुस्तिका से सिर उठाकर रोष ने ऊपर देखा| कक्षा में इक्का-दुक्का माँ-बाप अभी भी आ रहे थे|
‘जोश ने शब्दावली अच्छी बना ली है,’ उसने फख्र से सोचा| ‘विज्ञान और टेक्नोलॉजी की भी उसे अच्छी समझ हो चली है| और लिखता भी है मनोरम, विश्वसनीय साइंस फिक्शन|’
वह सुकून से मुस्कुराया, और अपने बेटे की लिखी कल्पित विज्ञान कथा आगे पढ़ने लगा:
अपने बदन को जकड़े ठन्डे इस्पात का गहरा एहसास था मुझे, लेकिन इस बार डायल घूमा नहीं|
राहत से, मेरी नज़र काली ऊर्जा की उन शीशियों की ओर भटक गयी, जिन्हें चुराने आये थे हम| अपने अभेद्य कवच में गर्व से सुरक्षित, वे नज़र के सामने खुली खड़ी थीं|
‘इस मिशन में कितनी प्लानिंग लगी,’ मैंने सोचा| ‘कितनी तैयारी, कितनी लागत! हम अव्वल टीम थे| चुने गए अपने दृढ़ संकल्प और पैनी सजगता के लिए|’
हमारी टीम की सभी स्वायत्त (स्वशासी, आत्मनिर्भर, ऑटोनोमस) इकाइयां अकेले ही मिशन पूरा करने का प्रशिक्षण, इच्छा-शक्ति, और प्रौद्योगिकी रखती थीं|
फिर भी, हम वापिस वहीं आ गए थे, जहाँ से चले थे| शीशियाँ अपने निर्माताओं के पास वापिस पहुँच चुकी थीं| हमारा मिशन फेल हो चुका था| हमारी टीम में से ज़्यादातर मर चुके थे, और मैं नहीं जानता था कि कितने मेरी तरह क़ैद होकर टॉर्चर भोग रहे थे|
पॉलीग्राफ, लाईडिटेक्टर टेस्ट (झूठ परीक्षण), और ब्रेन मैपिंग टेस्ट को मात देने की, ट्रुथ सीरम के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने की, ट्रेनिंग दी गयी थी हमें| लेकिन ठंडा इस्पात जो हम पर पटक रहा था, उसकी कोई तैयारी हमारी थी ही नहीं| हम हार चुके थे|
‘क्या वाकई?’ ये सब सोचता, मैं उसे घूर रहा था, जबकि वह बेतहाशा अपने सवाल दोहरा रहा था|
“हमारी हाई-सिक्यूरिटी लैब में सेंध मारी कैसे तुमने? इन्हें चुराया क्यों? और कौन है तुम्हारे साथ? बोलो| क्यों बेकार दर्द भोग रहे हो!”
उसकी शैली उसके शब्दों को झूठा साबित किये दे रही थी| अब वह प्रश्नकर्ता नहीं, भिखारी बन कर रह गया था| डायल के ऊपर उसके हाथ असहनीय तनाव से कंपकंपा रहे थे, लगभग अपना एक अलग मन लिए| ये हम दोनों के लिए खतरनाक वक़्त था| ठन्डे इस्पात पर एक अतिरिक्त घुमाव, और वो मुझे अपरिवर्तनीय नुकसान पहुँचा सकता था|
अपने दांत फिर से भींच कर, मैं आसन्न दर्द की तैयारी करने लगा| वह मुझे आंक रहा था| और जो देख रहा था, वह उसे पसंद नहीं आ रहा था| अपने रेटिना में मैंने एक दर्दनाक चुभन महसूस की| मेरा न्यूरो सक्रियण पूरा हो गया था|
कनपटी में धड़कते दर्द, और अपने जिस्म के खस्ता हाल के बावजूद, अब विश्वास से अचानक भरते हुए, ख़ामोशी से मैंने घूरा उसे| तर्कहीन आशा मेरे दिल की अंतरतम गहराइयों में फीनिक्स की तरह उठने लगी|
अकारण, वो मेरे अस्तित्व में शुद्ध ऊर्जा विस्फोट की तरह फट गयी| फिर वर्षों के प्रशिक्षण ने मुझपर काबू पा लिया|
जब मेरी निगाह उसकी आंख में जा घुसी, तो मैं जान गया कि मैं ये कर सकता हूँ| मैंने उसके सेरेब्रल कॉर्टेक्स को खोलने की इच्छा की, और पलक झपकते ही उसके मस्तिष्क का नियंत्रण पा गया|
तेज़ी से, मैंने विचार बोये और यादें बदल डालीं, जैसे हमने ट्रेनिंग में कई बार किया था| सब कुछ नियमावली के हिसाब से करने का समय तो था नहीं, लेकिन मेरी ज़रूरतों के लिए इतना काफी लग रहा था| उसकी देह गुलामी के संकेत देने लगी थी|
नाकाफी मानसिक नियंत्रण, और उसके मस्तिष्क के साथ बने अपर्याप्त स्वामी-दास सम्बन्ध के बावजूद, मैंने उसे निर्देश भेजा कि मेरी ऊर्जा बढ़ाने के लिए वह मुझे डोपामाइन का टीका लगाए|
उसने ऐसा ही किया|
‘मुझे आज़ाद कर!’ हमारे नए रिश्ते को पुख्ता करने के लिए तेज़ी से काम करते हुए, मैंने उसे मौन आज्ञा दी|
उसने ऐसा ही किया|
चुराई हुई शीशियाँ फिर से हथिया कर मैंने अपनी छाती पर बाँध लीं, और अपने युद्ध कवच और जिस्म की मरम्मत का काम शुरू किया| अब मुझे दुरुस्त करने के लिए हम दोनों मिलकर तेज़ी से काम कर रहे थे| जब मैं अपने मानसिक चिकित्सा कोकून (कोष) में उतरा, तो वह मेरे शरीर पर काम करने के साथ-साथ उसकी सुरक्षा भी कर रहा था|
अपनी तत्काल मानसिक सर्जरी के बाद जब मैंने अपने मन से बाहर कदम रखा, तो अपने यातना कक्ष की सुरक्षा से निकलकर मेरे बाहर जाने का समय आ चुका था| मैंने अपनी लोलकी झाड़ दीं, और उनसे जुड़ा वायरस कमरे में अदृश्य पराग की तरह छितरा गया|
अपने बाल तेज़ी से झाड़ते हुए, मैंने रूसी जैसे बीजाणु आज़ाद कर दिए, जिनके डीएनए की वायरस को पनपने के लिए ज़रुरत थी| लैब की एयर कंडीशनिंग तेज़ी से गुणा होते इस वायरस को परिसर में अब दूर तलक ले जायेगी| और उनके बाइनरी विखंडन से लैब में जल्द ही क्रांतिक द्रव्यमान बन जाएगा|
जब ऐसा होगा, तो वायरस बेआवाज़ जलबम (depth charge) की तरह फट जाएगा – और इस प्रक्रिया में खुद को नष्ट करने के साथ-साथ, 2.4 किलोमीटर के घेरे के अन्दर के हर जीव और जीवाणु को भी चुपचाप नेस्तनाबूद कर देगा| प्रभाव पूरा होगा, और बिना चेतावनी होगा| कोई निशान पीछे नहीं छूटेगा|
‘आकाशगंगा समाचार फीड इस घटना को कैसे रिपोर्ट करेगी?’ उसने सोचा| ‘ऐसे तो बिल्कुल नहीं: गिरफ्तार आला कमांडो ने काली ऊर्जा चुराई| जैविक हथियार सक्रिय करके दुश्मन की गुप्त अंतरिक्ष लैब नष्ट की!'
‘सच बेशकीमती है,’ उसने विचार किया| ‘इसलिए उसे किफ़ायत से ही बाँटा जाना चाहिए|’
वह मुस्कुराया| जाने का, और अपने साथ काली ऊर्जा ले जाने का, वक़्त हो गया था|
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