काल चिन्तन 2017 (Kaal Chintan 2017) में, पारिवारिक वित्त की दिशा निर्धारण के लिए, रोष परिवहन से स्वास्थ्य तक के विविध क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी के उपयोग पर मनन करता है|
पिछली कहानी: 2016 के टेक ट्रेंड
कमाल है, रोष ने सोचा, कोड की कुछ लाइनें क्या-क्या कर सकती हैं! सॉफ्टवेयर से न सिर्फ जीवन बदल रहा था, बल्कि लागतें कम हो रहीं थीं और हमारे काम-धंधे करने के तरीके भी बदल रहे थे|
मसलन उबेर, बिना किसी कार का मालिक बने, आज दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी कंपनी बन गयी थी| इसी तरह, बिना किसी जायदाद की मालिक बने, एयरबीएनबी (Airbnb) आज दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी थी।
उड़न कार तो पहले ही बन चुकी थी, और चालक विहीन कारें मानव जाति द्वारा संचालित कारों से ज़्यादा सुरक्षित होने का दम भर रही थीं| आजकल, दुनिया-भर में होती कार-दुर्घटनाओं में हर साल एक लाख से ज़्यादा लोग मर रहे थे, और औसतन हर लाख किलोमीटर चलने पर एक एक्सीडेंट हो रहा था|
लाखों मानवीय घंटे हर साल वैश्विक सड़कों पर पीक ट्रैफिक और ट्रैफिक जाम में खो रहे थे| सामयिक ट्रैफिक अपडेट पाते जीपीएस सिस्टम, मैप की गई धरती पर हमारे ड्राइव करने के तौर-तरीकों को तो अपरिवर्तनीय ढंग से बदलना शुरू कर ही चुके थे, लेकिन पहिये के आविष्कार, नावों के विकास, सड़कों, रेल, पानी के नीचे, भूमिगत और अब अंतरिक्ष यात्रा से आई परिवहन क्रांतियों के बाद, हर तरह के परिवहन में फिर से एक बदलाव आने को था|
कोडक की तरह, पारंपरिक कार कम्पनियों पर दिवालिया होकर लुप्त हो जाने का खतरा मंडरा रहा था, क्योंकि वे विकास वादी राह पकड़ कर बेहतर कारें बनाने की कोशिशों में लगीं थीं, जबकि टेक कंपनियाँ (टेस्ला, एप्पल, गूगल आदि) क्रन्तिकारी राह पर चल कर पहियों पर कंप्यूटर लगा रहीं थीं|
टेलीपोर्टिंग (teleporting) अभी दूर थी, लेकिन स्मार्ट यातायात का वक़्त लगभग आ गया था| अब जल्द ही, अपने फोन से आप अपने लिए कार बुला सकोगे| जहाँ कहीं भी आप हो, कार आपको लेने आ पहुंचेगी, और आपको आपके गंतव्य तक पहुँचा आएगी|
न गाड़ी पार्क करने की ज़रूरत, न खरीदने की, न ड्राइविंग लाइसेंस लेने की ज़रूरत, न कार इन्शोरंस (बीमा) लेने की| बस दूरी के हिसाब से पैसे दो, और सफ़र करते हुए जो मर्ज़ी करो| जब अमीश त्रिपाठी काम पर जाते वक़्त, टैक्सी में बैठा-बैठा, धड़ाधड़ बिकने वाली अपनी शिव त्रयी नॉवेल लिख सकता है, तो और क्यों नहीं कुछ कर सकते|
दुनिया भर की सड़कों पर विद्युत कारों की संख्या भी बढ़ रही थी| बिजली से चलने वाली गाड़ियों से शोर और प्रदूषण कम होता था, जिसका मतलब कम गन्दी, कम शोर वाली सड़कें, यानि भविष्य में अधिक साफ और शांत शहर| तेल का दाम गिर गया था और ओपेक (OPEC) हवा के इस परिवर्तन (यमक, पर इशारा बढ़ते पवनचक्की इस्तेमाल और सौर ऊर्जा उत्पादन की ओर) से घबराया लगता था|
जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) की बजाय, हवा या पानी से चलने वाली कारों के प्रोटोटाइप का परीक्षण तो पहले ही हो चुका था। दुनिया भर में पिछले साल, जीवाश्म के मुकाबले सौर संयत्र अधिक स्थापित हुए थे| ऊर्जा कंपनियाँ घरेलू सौर प्रतिष्ठानों की बढ़त से खतरा महसूस कर रहीं थीं, लेकिन सस्ती, स्वच्छ बिजली ज़रूर अब ज़्यादा दूर नहीं थी|
सस्ती बिजली के साथ आएगा, सस्ता साफ पानी| सस्ते साफ पानी के साथ आएगी, बेहतर सेहत, और मृत्यु दर और स्वास्थ्य देखभाल की लागत में कटौती, क्योंकि ज़्यादातर रोग पानी की देन थे| पानी की कोई कमी नहीं थी हमारे नीले ग्रह पर, केवल पीने का पानी ही दुर्लभ था।
आज पेट्रोल से ज़्यादा महंगा, पीने का पानी हो चुका था| लेकिन अब एक घन मीटर खारे पानी का खारापन दूर करने के लिए ज़रूरी 2kWh बिजली अब सिर्फ 24 रुपये में उपलब्ध थी (न्यूज़ीलैण्ड में 0.25 NZD / kWh, 1 NZD = 48 INR)|
अगर पानी शुद्ध करने की इस सबसे पुरानी तकनीक से अब ये किया जा सकता था, तो नैनोटेक्नोलाजी जैसी नवीन, अधिक दक्ष प्रौद्योगिकी के साथ तो संभावनायें अनंत थीं, और सिर्फ जल शोधन के क्षेत्र में ही नहीं|
खाद्य उत्पादन में, कृषि रोबोट, पानी का कुशल इस्तेमाल करने वाली कृषि (aeroponics), और कीट-संचयन की योजनाओं का उपयोग अच्छी तरह अग्रसर था, लेकिन अगर पानी साफ किया जा सके तो स्वास्थ्य देखभाल की लागत में बचत और मानव जीवन के बचाव में वृद्धि वास्तव में हैरतंगेज़ हो सकती थी|
एक हाल ही की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (JMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, पानी से संबंधित रोग अभी भी दुनिया भर में हर साल 1.5 अरब से अधिक लोगों को प्रभावित कर रहे थे, यानि हमारे ग्रह पर हर पांचवें व्यक्ति को| अभी भी जल-जनित किसी बीमारी से हर 90 सेकंड में एक बच्चा कहीं मर रहा था|
एक दशक पहले, रोष ने सिडनी स्थित एक बायोसेंसर कंपनी एम्ब्री (Ambri, ASX: ABI) में भारी निवेश करके खो दिया था, जब उसकी अमेरिकी साथी डॉव कोर्निंग निगम (Dow Corning Corporation) ने एम्ब्री के आयन चैनल स्विच (ICS) का विकास करना बंद कर दिया था।
लेकिन दुनिया भर में जैव प्रौद्योगिकी निदान (बायोटेक डायग्नोस्टिक्स) पर काम रुका नहीं था। उसने सेक्टर सही चुना था, बस वहां पहुँचा समय से पहले था| और समय से पहले, या नसीब से ज़्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता|
खैर, ट्राईकॉर्डर एक्स (Tricorder X) आ रहा था अब, जिसकी कीमत की घोषणा इसी साल बाद में की जाने वाली थी, और जिसके सस्ता होने की उम्मीद भी थी| जल्द ही, विश्व स्तरीय चिकित्सा विश्लेषण तक आम आदमी की पहुँच हो जाएगी|
ट्राईकॉर्डर (स्टार ट्रेक से ख्याति प्राप्त) एक चिकित्सा उपकरण था, जो आपके फोन के साथ मिल कर काम करता था| आप इसमें सांस छोड़ते, ये आपका रेटिना स्कैन करता, रक्त का नमूना लेता, और फिर 54 जैव मार्करों का विश्लेषण करके, लगभग किसी भी बीमारी की पहचान कर लेता|
‘मूडीज़’ (Moodies) नामक एक इस्राइली एप्लिकेशन पहले से ही अपनी भावनाओं का निदान करने में सक्षम थी, और इस तरह की तकनीकों के उपयोग का मतलब था कि मानवता भविष्य की कारों, दफ्तरों और घरों में सही मायने में स्मार्ट अनुकूलित वातावरण पहुंचाने के कगार पर थी|
‘तो, अगले दशक के लिए पारिवारिक वित्त की क्या दिशा तय की जाए?’ रोष ने सोचा| वह जानता था कि उसके निवेश कैरियर में ही पब्लिक या राईट इशू, या निजी प्लेसमेंट आदि के माध्यम से आम जनता से पूँजी जुटाने वाली कंपनियों में से सिर्फ एक तिहाई ही, वैश्विक शेयर बाजारों में आज नियमित रूप से कारोबार कर रही थीं|
न सिर्फ व्यापार ही डूब जाते थे और शेयर ट्रेडिंग अनियमित होने के कारण बिकना मुश्किल हो जाते, बल्कि कई शेयर जो अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाज़ारों में सूचीबद्ध किये जाते, वे निलंबित या डीलिस्ट कर दिए जाने से मूल्यवान होने के बावजूद भी निष्क्रिय हो जाते, और इस तरह निवेशक का धन उनमें फँस जाता था|
व्यक्तिगत स्टॉक में निवेश के जोखिम और किसी भी कंपनी में पूरे निवेश के नुकसान से बचने के लिए, वह ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में निवेश करने लगा था क्योंकि शेयर बाजार के सूचकांक डूबते सितारों को नव-विजेताओं से बदल, अपनी संरचना और अनुपाती भार में समय-समय पर परिवर्तन करते, समायोजित होते रहते हैं|
लेकिन शेयर बाज़ार, कई मायनों में, मानवीय प्रयास का क्षेत्र अब नहीं रहे थे| खरीद-फ़रोख्त के आदेश दुनिया के किसी भी हिस्से से ऑनलाइन भेजे जा सकते थे, और बॉट या एल्गोरिदम एक दूसरे से कारोबार करते, अपने ट्रेडिंग अनुभव और प्रोग्राम इम्प्रूवमेंट (सॉफ्टवेयर सुधार) से लगातार सीखते, बेहतर होते गए थे|
तेज़ तकनीकी प्रगति शेयरट्रेडिंग को और परिवर्तनशील और सूचकांक रचनाओं को और अस्थायी बनाने का वादा कर रही थी| त्वरित संचार और कनेक्टिविटी (जुड़ाव) के युग में भारी व्यवधान से, सूचकांक निवेशक भी उतने ही जोखिम में थे जितने शेयर बीनने वाले|
शायद अपने निवेश की रणनीतियों की समीक्षा करने का समय फिर से आ गया था, उसने सोचा। वह जानता था कि 2008 ग्लोबल वित्तीय संकट (GFC) से पहले के दशकों में जो वो उच्च जोखिम उठा कर शेयर बीनता रहा था, उन नीतियों को तो अब कभी वह पूरी तरह पुनर्जीवित नहीं करेगा|
लेकिन चीजों में तबदीली करने की ज़रूरत तो थी, क्योंकि हवा का रुख फिर बदल रहा था| जानता था वह कि भले ही हम कभी हवा की दिशा नहीं बदल सकते, तो भी अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए पाल को तो एडजस्ट हमेशा कर ही सकते हैं|
कितना उपयुक्त है, वह भीतर ही भीतर मुस्कराया, कि 2017 चीनी में मुर्गे का वर्ष था - नई सुबह का उद्घोषक| इसके अलावा, वर्ष 2017 के अंक भी जुड़कर 10 बनाते थे, जिसके अंकों को जोड़ कर फिर 1 बनता था – फिर एक नई शुरुआत का प्रतीक|
लेकिन बदलाव कभी दर्द रहित नहीं होता| अपनी पहियों वाली काले चमड़े की कुर्सी में पीछे की ओर झुक कर उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, और अपने काल-चिंतन में खो गया|
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