पाककला टिप्स पर कहानी: छोला हम्मस (Chhola Hammas)
ईशा बनाना सिखाती है छोले की डिप हम्मस|
एक फटाफट बन जाने वाली, सरल, जग प्रसिद्ध, मध्य पूर्वी प्यूरी|
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“आज हम छोले की डिप हम्मस बनाना सीखेंगे,” ईशा ने कहा|
“देखने में ये दुकानों में बिकने वाली डिप्स जैसी चाहे न लगे, खाने में बिलकुल उतनी ही अच्छी लगेगी|”
“इसे बनाना बहुत ही आसान है, क्योंकि ये छोले, तिल, लहसुन, जैतून तेल, नीम्बू के रस और नमक को घोट के बनी, सिर्फ एक ठंडी मध्य पूर्वी प्यूरी (लुगदी) है|”
“छोले, जो प्रोटीन और आहार फाइबर का एक बढ़िया स्रोत भी हैं, मध्य पूर्व में सदियों से खाए जाते रहे हैं| विटामिन सी और लौह से भरपूर होने के लिए प्रतिष्ठित होने के साथ-साथ इनमें फोलेट और विटामिन बी6 भी काफी होता है|”
“हम्मस तो असल में, खुद ही एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब है ‘छोले’| अब ये डबल रोटी पर लगा कर, या नाश्ते या स्नैक्स के साथ डिप की तरह इस्तेमाल होने की वजह से, जग प्रसिद्ध हो गया है|”
“छोलों को चलते पानी में कल मैंने धो लिया था,” होश को कुकिंग टिप्स देते हुए उसने कहना जारी रखा, “जब तक कि पानी साफ नहीं हो गया| फिर रात भर मैंने उन्हें एक ढके बर्तन में, नमकीन पानी में रखा| कुछ संस्कृतियों में इन्हें भिगो कर रखने के लिए नमक के साथ मीठे सोडे का भी प्रयोग किया जाता है|”
“रात भर इन्हें भिगो कर न रखो, तो ये पकने में देर लगाते हैं| या फिर, इन्हें प्रेशर कुकर में पका सकते हो तुम| मैंने पाया है कि प्रेशर कुकर में इन्हें पकाने से, ये छिलछिले हो जाते हैं|”
“अगर रात भर भिगो कर रख नहीं पाए, और प्रेशर कुकर भी नहीं है, तो छोलों को एक डोंगे में डाल लो| पकाने से पहले इन्हें उबलते पानी से ढक कर घंटा-दो-घंटा उसमें डूबा रहने दो|”
“आज दोपहर, मैंने इन्हें इनके रात वाले पानी में ही उबाल लिया था| जब ये पक गए, तो पानी छान कर मैंने इन्हें ठंडा होने छोड़ दिया| पानी मैंने बाद में इस्तेमाल के लिए रख लिया| अब, ये प्यूरी बनने के लिए तैयार हैं| तो, चलो शुरू करते हैं|”
उसने होश को एक सामग्री सूची और कुकिंग रेसिपी (पकाने की विधि) दी, और रसोई की बेंच साफ करने लगी| लिस्ट में लिखा था:
सामग्री
- 1 कप छोले (सफ़ेद चना, काबुली चना)
- ताज़ा पानी - भिगोने के लिए
- 1/4 चम्मच बेकिंग सोडा
- 1/2 चम्मच नमक (स्वाद अनुसार)
- 2 फाँक (कली) लहसुन, कुचली हुई
- 1 ताज़ा हरी मिर्च (वैकल्पिक)
- 1/4 चम्मच काली मिर्च (चूरा)
- 1/2 कप ताजा धनिया के पत्ते / कटा हुआ अजमोद / पुदीना
- 4 बड़े चम्मच ताज़ा नींबू का रस
- 3 बड़े चम्मच जैतून का तेल
- 2 बड़े चम्मच उबले छोले का पानी
निर्देश अनुसार, होश ने छोले और बाकी सामग्री ब्लेंडर (मिक्सी या मिनी विज्ज़) में डाल दी|
“माँ, पता कैसे चलता है कि ये बन गया,” होश ने पूछा| “और ये टिकता कब तक है?”
“छोले तब तक उबालना ज़रूरी है, जब तक कि ये नर्म न हो जाएँ,” ईशा ने जवाब दिया| “लेकिन घोट तुम इन्हें तब तक सकते हो, जब तक कि प्यूरी तुम्हारे मनमाफिक बारीक न हो जाए| मैं इन्हें बहुत बारीक घोटना पसंद करती हूँ, लेकिन कुछ संस्कृतियाँ इसे मोटा (खुरदरा) पिसा पसंद करती हैं|”
“इसे बनाने के तरीकों में कई विविधताएँ तुम यूट्यूब पर देख सकते हो| सामग्री में थोड़े से हेर फेर से स्वाद बिल्कुल बदल भी सकता है| बनाकर मैं अक्सर इसे फ्रिज में रख देती हूँ, जब तक कि इसे परोसना न हो| फ्रिज में ये हवा बंद (वायु रोधी) डिब्बे में, 2-3 दिन आराम से रुक जाता है|”
उस रात के खाने से पहले उन्होंने, उसपर पुदीना छिड़क कर ताज़ा-ताज़ा उसे सेलरी स्टिक्स, गाजर की छड़ों, बेबी कैरट (पतली गाजर), आलू चिप्स, क्रैकर बिस्कुट और कॉर्न (मकई) चिप्स के साथ परोसा|
पृष्ठभूमि में हल्का संगीत बज रहा था| जोश ने बत्तियां बुझा दीं और परिवार ने मोमबत्ती की रोशनी में बातें करते हुए, रात का भोजन किया| ऐसा सुकून छाया था, जो सिर्फ एक-दूसरे का साथ, माहौल, संगीत और उम्दा खाना मिलकर किसी घर में पैदा कर पाते हैं|
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