पाककला टिप्स पर कहानी: जीरा बासमती (Jira Basmati)
ईशा सिखाती है कि बासमती चावल की बेहतर सुगंध, स्वाद और स्वरूप को बनाए रखने के लिए इन्हें ठीक से कैसे पकाएँ|
पिछली टेलटाउन कहानी: बिज़नेस कैसे होता है?
“मसालेदार बासमती चावल की बेहतर सुगंध, स्वाद और स्वरूप को बनाए रखने के लिए मैं इन्हें ठीक से कैसे पकाऊँ, माँ?” होश ने पूछा|
“ज़्यादातर चावल आसानी से और तेज़ी से पक जाते हैं,” ईशा ने कहा| “लेकिन खुश्बूदार दाने-दाने के लिए बासमती सबसे बढ़िया है|”
“इसके नोकीले सफ़ेद दाने स्वाभाविक रूप से ही लम्बे और पतले होते हैं, पर चावल की बाकी किस्मों से ये महंगे बहुत ज़्यादा हैं|”
“फिर भी, अगर इसे खरीदने की औकात है तुम्हारी, तो इसके बेहतर स्वाद, गंध और आभा के लिए ज़्यादा देना बनता तो है| अगर इसे खरीदने की ताकत नहीं है, तो जैस्मिन राइस ट्राई कर लो, हालाँकि वो थोड़ा मीठा ज़्यादा है|”
“आज मैं तुम्हें सरल, मगर स्वादिष्ट जीरा राइस बनाना सिखाती हूँ, ताकि हम उसी सामग्री के साथ काम करते रहें जिसके बारे में तुम पहले से ही जानते हो|”
उसने उसे एक छोटी सी सामग्री सूची लिखवा दी, जिसमें लिखा था:
- 1 कप चावल (लॉन्ग ग्रेन या बासमती)
- 2 कप गर्म पानी
- 2 पूरे लौंग
- 1 चम्मच जीरा
- 2 बड़े चम्मच तेल या घी
- नमक स्वाद अनुसार
“चावल को भार की जगह आयतन से मापना ज़्यादा आसान है,” उसने उसे बताया, “क्योंकि तुम उसी कप का इस्तेमाल पानी मापने के लिए भी कर सकते हो| मैं हरेक कप चावल के लिए दो कप पानी लेती हूँ| अभी तक तो कभी ये अनुपात गड़बड़ाया नहीं है| प्रति व्यक्ति लगभग 50 मिलीलीटर चावल एक अच्छा मापदंड है|”
“मैंने पाया है कि चावल को ढक्कन वाले किसी गहरे बर्तन में पकाना सबसे अच्छा है, लेकिन कुछ विडियो में इसके लिए मैंने फ्राइंग पैन भी इस्तेमाल होते हुए देखा है| शायद इस विश्वास से कि पकते हुए चावल जितना फैला रहेगा, आखिर में उतना ही अच्छा रहे|”
“पकते हुए, चावल फैलता है| तो जैसा भी बर्तन चुनो, इसकी इस बढ़त को सँभालने लायक चुनो|”
उसने चलते पानी में उससे बार-बार तब तक चावल धुलवाए जब तक कि धुला पानी बिल्कुल साफ नहीं हो गया| धुले चावल को उन्होंने छननी में छोड़ दिया, ताकि पानी पूरी तरह निचुड़ जाए| जबकि चावल सूख रहा था, ईशा ने होश से बर्तन में तेल गरम करने को कहा| उन्होंने तेल में लौंग और जीरा भी छोड़ दिए|
“अब फ्लेवर के लिए तुम इसमें बारीक कटा प्याज भी डाल सकते हो,” ईशा ने कहा, “और उन्हें तब तक भून सकते हो, जब तक कि वे सुनहरे भूरे रंग के न हो जाएँ| हालाँकि ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि चावल सादे पानी में भी बहुत अच्छा पकता है|”
“चावल को धोना भी ज़रूरी नहीं है, क्योंकि मिलिंग के दौरान इसे अच्छी तरह साफ किया ही जाता है| कुछ लोग ये मानते हैं कि इसे धोने से इसके कुछ पोषक तत्व घुल कर बह जाते हैं|”
“मैंने पढ़ा है कि अमरीका में बिकने वाले सारे चावल को लौह (फेरिक फॉस्फेट), और कई विटामिनों जैसे नियासिन (जो कि विटामिन बी 3 है), थियामिन मोनो नाइट्रेट (जो कि विटामिन बी 1 है), और फोलिक एसिड (जो कि विटामिन बी 9 है), से समृद्ध होना जरूरी है|”
“ये चावल पर एक महीन पाउडर से लगाये जाते हैं, जो चावल से चिपक जाता है| सुना है, चावल धोने से ये बह जाते हैं| अगर तुम वैसे ही संतुलित आहार लेते हो तो ये कोई बड़ी बात नहीं, पर चावल से अगर तुम्हें ये विटामिन चाहियें, तो चावल धोओ मत|”
“मैं तो अपने चावल धोती हुई बड़ी हुई, तो इन्हें खुद धोने से मुझे भरोसा ज़्यादा रहता है कि मैं एक साफ उत्पाद के साथ काम कर रही हूँ|”
“फिर भी, चावल धोने और स्थानीय चावल संवर्धन नीतियों की और जाँच करने लायक तो है, अगर इस बारे में उत्सुक हो और पक्की तरह जानना चाहते हो| मैंने कोशिश नहीं की, क्योंकि धुले और बिना धुले चावल के बीच फर्क मैं कभी बता ही नहीं पाई|”
ईशा ये देख कर खुश हुई कि होश ने कुछ मिनट जीरा तब तक तला, जब तक कि वह तिड़कने नहीं लगा और उसकी खुशबू नहीं उठने लगी| अब उन्होंने उसमें चावल और नमक डाल दिया, और अच्छे से हिलाया|
“बर्तन में दानों को चलाओ,” उसने सिखाया, “जब तक कि वे तेल से अच्छी तरह सन के चमकने न लगें| इससे उन्हें अलग रखने में मदद मिलती है|”
अब उन्होंने गर्म पानी डाला, एक बार और चलाया, और ढक्कन लगा दिया|
“गर्म पानी डालने के बाद चलाते मत रहो,” उसने टिप दी| “उबलते नाज़ुक दानों को तोड़ना नहीं है| टूटने से उनकी मांड निकल जाती है और चावल चिपचिपा बनता है, और उनका दाना-दाना अलग रखने के जिस मकसद के लिए दाम ज़्यादा दिए थे, वो मकसद ही नाकाम हो जाता है|”
“अगर हिलाना ही चाहो, तो हर पाँच मिनट में एक बार हिला सकते हो, हालाँकि मैं उन्हें पकाते हुए बिल्कुल नहीं हिलाती|”
“डेलिया ऑनलाइन पानी की जगह स्टॉक का इस्तेमाल करने का सुझाव देती है| जहाँ चावल मुर्ग के साथ परोसा जाना है, वहाँ चिकन स्टॉक| गाय के गोश्त के साथ बीफ स्टॉक, मछली के साथ फिश स्टॉक| लेकिन स्टॉक क्यूब्स (डलों) के इस्तेमाल कि राय नहीं देती, क्योंकि वे बासमती कि प्राकृतिक सुगंध और स्वाद को दबा सकते हैं|”
“इन्हें पकने में कितनी देर लगेगी माँ?” होश ने पूछा| “और मुझे कैसे पता चलेगा कि ये पक गए?”
“मध्यम आँच पर पकने में 15-20 मिनट लगने चाहियें,” ईशा ने जवाब दिया, “और जान जाओगे कि ये बन गए, जब ढक्कन उठा के देखने पर चावल में छेद दिखाई देने लगेंगे, क्योंकि चावल के ऊपर कोई पानी नहीं दिखेगा| तब इन्हें आँच से उतार देना है|”
“टेस्ट करने का दूसरा तरीका है, बर्तन को टेढ़ा कर लो| अगर किनारे पर पानी इकट्ठा होने लगे, तो एक-दो मिनट और पकने दो|”
“चावल पक जाने के बाद, परोसने से पहले उसे ढके बर्तन में ही कुछ मिनट छोड़ देना चाहिए| इससे बर्तन की तली में पानी और चिपचिपाहट सोखने में इसे मदद मिलती है| चावल जैसे-जैसे सूख कर ठंडा होगा, उसका दाना-दाना अलग हो जाएगा|”
“राईस को धीमी आँच पर भी पकाया जा सकता है, लेकिन इससे पकने में देर लगती है| मैं ऐसा तब करती हूँ, जब खाना बनाते हुए मुझे और भी चीज़ें करनी होती हैं|”
“ढक्कन लगाने के बाद इन्हें अकेला छोड़ सकते हो तुम| ढक्कन उठा कर भाप बाहर निकाल देने से, पकने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है| मैं आमतौर पर ऐसा करने की राय नहीं देती, क्योंकि चावल को पकने के लिए कम-से-कम समय देना अच्छा है| ज़्यादा पकाने से सभी तरह के चावल खराब हो जाते हैं|”
“अगर राइस कुकर का इस्तेमाल कर रहे हो, तो तुम टाइमर लगाकर जा भी सकते हो|”
“अगर बासमती का इस्तेमाल नहीं किया था, तो चावल पकने के बाद ढक्कन हटा दो| आँच बंद करके, बर्तन को एक साफ अंगोछे से कुछ मिनट के लिए ढक दो| फालतू स्टीम ये सोख लेगा, और दानों को सूखने और अलग होने में मदद करेगा| परोसने से ठीक पहले, दानों को प्रस्तुति के लिए हल्के से फैला दो|”
अगली टेलटाउन कहानी: खीरे का रायता